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कविता

काक-दृष्टि

ए. अरविंदाक्षन


वह लौट रही है
आकाश को सिर पर लेकर
मुन्ना क्या कर रहा होगा
खाया होगा कुछ?
खेल रहा होगा या सोया होगा?
वह लौट रही है
अपनी टोकरी लेकर
मुन्ने को दूध पिलाना है
उसके स्तन भीग जाते हैं
वह लौट रही है
टोकरी में कुछ मछलियों को लेकर
उसके ऊपर कौए उड़ रहे हैं
मछलियों पर
काक-दृष्टि छा जाती है
कौओं की आवाज तेज है
वह लौट रही है
अपनी धरती को सीने से लगाए।

 


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